VIDAAI SHIKSHA FOR MARRIAGE
Hello Friends,
I told you about a ritual in Hindu marriage which is very interesting. That bride sister have to read a poem in front of all people at the time of marriage. This poem just like a guidance to bride for her future or you can say that its like wishing her all the best for her life. I love this ritual most because it is most emotional moment ever. Here i give you the poem in Hindi...
Guys...read it...love it...its amazing....
आदरणीय समस्त उपस्थित जन जैसा कि आप सबको विदित है कि आज हमारी बहन कन्या रूप को छोड़ कर सुहागन रूप को धारण कर चुकी है तो इस पावन अवसर पर मै अपने भाव इन शब्दो मै वयक्त करने जा रही हू।
1. गुल खिले, गुलशन खिले और खिले गुलदस्ते
शिक्षा पढ़ने से पहले आप सबको मेरी नमस्ते !!
2. मन के इस उदगार को उपहार रूप मै देती हूँ
भूल न जाना मेरी प्यारी दीदी
जो आज कुछ मै कुछ कहती हूँ।
3. क्या फूल होते है, मुरझाने के लिए
क्या आँख़े होती है ,आँसू बहाने के लिए
क्या सुबह होती है ,शाम हो जाने क लिए
क्या लड़की होती है, पराऐ घर जाने के लिए
4. कड़वी सहना, मीठी कहना
मर्यादा मै तुम रहना
कदम कदम पर हर मुश्किल मैं
साथ पति का तुम देना !!
5. मायका है सुन्दर सपना
इसे जल्दी भुला देना
सुसराल तो है जीवन की नैया
इसे गले से लगा लेना !!
6. मोह लेना सबका मन
अपने मीठे बोलो से
मीठे शब्द ही निकले बहना
तेरे कोमल होटो से !!
7. सास ससुर की सेवा करना
देवर ननद का मान बढ़ाना
पति धर्म है तुम्हारा
तन मन धन सब अर्पण करना !!
8. दीदी है हमारी लाड़ली
गुलाब जैसा रंग
हम सब को छोड़ चली पिया जी के संग !!
9. टूटे - फूटे अक्षरों को स्वीकार कर लेना
शिक्षा मैं कोई गलती हो तो मुझे माफ़ कर देना !!
10. घर बदले, रिश्ते बदले
बदल गई दुनिया तेरी
बस अब और कुछ कहना नही
शिक्षा हुई खत्म मेरी !!!!
THATS ALL...
I told you about a ritual in Hindu marriage which is very interesting. That bride sister have to read a poem in front of all people at the time of marriage. This poem just like a guidance to bride for her future or you can say that its like wishing her all the best for her life. I love this ritual most because it is most emotional moment ever. Here i give you the poem in Hindi...
Guys...read it...love it...its amazing....
आदरणीय समस्त उपस्थित जन जैसा कि आप सबको विदित है कि आज हमारी बहन कन्या रूप को छोड़ कर सुहागन रूप को धारण कर चुकी है तो इस पावन अवसर पर मै अपने भाव इन शब्दो मै वयक्त करने जा रही हू।
1. गुल खिले, गुलशन खिले और खिले गुलदस्ते
शिक्षा पढ़ने से पहले आप सबको मेरी नमस्ते !!
2. मन के इस उदगार को उपहार रूप मै देती हूँ
भूल न जाना मेरी प्यारी दीदी
जो आज कुछ मै कुछ कहती हूँ।
3. क्या फूल होते है, मुरझाने के लिए
क्या आँख़े होती है ,आँसू बहाने के लिए
क्या सुबह होती है ,शाम हो जाने क लिए
क्या लड़की होती है, पराऐ घर जाने के लिए
4. कड़वी सहना, मीठी कहना
मर्यादा मै तुम रहना
कदम कदम पर हर मुश्किल मैं
साथ पति का तुम देना !!
5. मायका है सुन्दर सपना
इसे जल्दी भुला देना
सुसराल तो है जीवन की नैया
इसे गले से लगा लेना !!
6. मोह लेना सबका मन
अपने मीठे बोलो से
मीठे शब्द ही निकले बहना
तेरे कोमल होटो से !!
7. सास ससुर की सेवा करना
देवर ननद का मान बढ़ाना
पति धर्म है तुम्हारा
तन मन धन सब अर्पण करना !!
8. दीदी है हमारी लाड़ली
गुलाब जैसा रंग
हम सब को छोड़ चली पिया जी के संग !!
9. टूटे - फूटे अक्षरों को स्वीकार कर लेना
शिक्षा मैं कोई गलती हो तो मुझे माफ़ कर देना !!
10. घर बदले, रिश्ते बदले
बदल गई दुनिया तेरी
बस अब और कुछ कहना नही
शिक्षा हुई खत्म मेरी !!!!
THATS ALL...
Nice shiksha
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